Biography of Mahatma Gandhi in Hindi | नमस्कार दोस्तों SelfhelpinHindi.com पर आप सभी का स्वागत है। जब भी देश को आजादी दिलाने की बात आती है तो उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों का नाम जरूर आता है, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर दी थी।
उन स्वतंत्रता सेनानियों में कुछ सेनानी ऐसे थे जो देश को आजादी दिलाने के लिए हिंसा के मार्ग पर भी चले थे लेकिन कुछ ऐसे स्वतंत्रता सेनानी है, उन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देश को आजादी दिलाई थी और उन सेनानियों में महात्मा गांधी जी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। क्योंकि महात्मा गांधी जी एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्होंने अहिंसा का पालन करते हुए सत्य का मार्ग चुना और शांति से देश को संबोधित किया था तो आज हम इस महान स्वतंत्रता सेनानी की जीवनी के बारे में जानने जा रहे हैं, जिसको पढ़कर आप जान जाएंगे कि किस तरह से इन्होंने शांति के मार्ग पर चलते हुए देश को आजादी दिलाई थी।
महात्मा गांधी जी के जीवन से आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। इनके जीवन से आपको यह सीखने को मिलता है कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर भी आप सफलता को प्राप्त कर सकते हैं लेकिन कैसे? इसको जानने के लिए आपको यह लेख आखिर तक जरूर पढ़ना चाहिए।
Table of Contents
Mahatma Gandhi Biography| अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले महात्मा गांधी का जीवन परिचय-
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
पिताजी का नाम – करमचंद गांधी
माताजी का नाम – पुतलीबाई
जन्म दिनांक – 2 अक्टूबर, 1869, पोरबंदर(गुजरात)
पत्नि का नाम – कस्तूरबाई माखंजी कपाड़िया
संतान के नाम – 4 पुत्र (हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास)
मृत्यु – 30 जनवरी 1948
हत्या किसने की – नाथूराम गोडसे
महात्मा गांधी जी की शिक्षा और प्रारंभिक जीवन (Early Life & Education of Mahatma Gandhi)
- महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था। महात्मा गांधी जी का परिवार एक गुजराती परिवार था। इनके ऊपर माता-पिता का गहरा प्रभाव था। महज 13 वर्ष की उम्र में ही महात्मा गांधी जी का विवाह कर दिया गया था। 1887 में इन्होंने अपनी मैट्रिक्स की परीक्षा को उत्तीर्ण किया था। उसके बाद 1888 ने भावनगर के सांभरदास कॉलेज में इन्होंने अपना एडमिशन करवाया था। जहां से इन्होंने अपनी डिग्री पूरी की और उसके बाद लंदन चले गए थे।
दक्षिण अफ्रीका की यात्रा –
- 1894 में कुछ कानूनी विवाद की वजह से महात्मा गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा था। वहां पर जाकर इन्होंने वहां के लोगों के साथ हो रहे अन्याय और भारत के लोगों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास किया। लेकिन इनको सफलता नहीं मिली। उसके बाद इन्होंने वहां पर रहकर अवज्ञा आंदोलन शुरू किया था। जिसके बाद लाखों लोगों ने उनका समर्थन किया और उस आंदोलन को पूरा करने के बाद महात्मा गांधी जी भारत वापस लौटे थे।
महात्मा गांधी जी की आजादी की लड़ाई –
- दक्षिण अफ्रीका से वापस लौटने के बाद महात्मा गांधी जी ने देश की आजादी की के लिए कदम उठाया और 1920 में कांग्रेस के प्रमुख लीडर बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु होने के बाद महात्मा गांधी जी को कांग्रेस का मार्गदर्शन बनाया था।
- 1914 से लेकर के 1919 तक प्रथम विश्व युद्ध में महात्मा गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार का पूर्ण सहयोग किया था। जिसके बदले में उन्होंने भारत को आजाद करने की बात कही थी लेकिन उसके बाद अंग्रेजों ने ऐसा नहीं किया। फिर वापस से आजादी के लिए महात्मा गांधी जी ने कुछ प्रमुख आंदोलन चलाए जो कि इस प्रकार से है।
1) 1918 में खेड़ा सत्याग्रह और चंपारण की शुरुआत –
- महात्मा गांधी जी के द्वारा 1918 में खेड़ा सत्याग्रह की शुरुआत की गई थी। जिसमें ब्रिटिश सरकार भारतीय किसानों को नील की पैदा करने के लिए जोर डाल रही थी और उसके बाद सस्ते दाम पर भारत के किसानों से खरीद के महंगे दाम पर विदेशों में व्यापार कर रही थी। इसके लिए किसानों ने महात्मा गांधी जी का सहारा लिया और जब महात्मा गांधी जी ने यह सत्याग्रह की शुरुआत की तो ब्रिटिश सरकार को उनकी बात माननी पड़ी।
2) 1919 में खिलाफत आंदोलन की शुरुआत –
- सन 1919 में जब महात्मा गांधी को यह आभास होने लगा कि कांग्रेस अब कमजोर पड़ रही है तो कांग्रेस को बचाने के लिए महात्मा गांधी जी ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी और हिंदू मुस्लिम एकता को इकट्ठा करने के लिए महात्मा गांधी जी मुस्लिम समाज के पास गए और उन्होंने इस आंदोलन को पूरे वैश्विक स्तर पर शुरू किया था और इस आंदोलन के बाद मुस्लिम समाज ने कांग्रेस का सपोर्ट किया। जिसके बाद वापस से कांग्रेस खड़ी हो गई थी लेकिन इस आंदोलन के बावजूद भी महात्मा गांधी जी को कांग्रेस में एक अच्छी पहचान में मिल सकी। जिसके बाद 1922 में इस आंदोलन को वापस से लेना पड़ा।
3) 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत –
- इन सभी आंदोलन को खत्म करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने 1919 में रोलेट एक्ट की शुरुआत की थी। जिसकी शुरुआत करने के लिए एक सभा का आयोजन किया गया था और उस सभा को पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग में आयोजन करवाया गया था। जिसका मकसद शांति स्थापित करना था लेकिन उसके बावजूद भी इस सभा सफल नहीं हो सकी।
- अंग्रेजों द्वारा चलाये रोलेट एक्ट के विपक्ष में महात्मा गांधी जी ने 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी और इस आंदोलन को की शुरुआत करने के पीछे सिर्फ महात्मा गांधी जी का यह मकसद था कि अंग्रेज भारत को सिर्फ इसलिए आजाद नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि भारतीय लोगों के द्वारा अंग्रेजों को पूरी तरह से सपोर्ट किया जा रहा है। यदि उस सपोर्ट को बंद कर दिया जाए तो अंग्रेज भारत को कल ही आजाद कर देंगे।
- इस आंदोलन की शुरुआत करने के बाद बड़ी मात्रा में भारतीय लोगों ने महात्मा गांधी जी का सपोर्ट किया और अंग्रेजों की फैक्ट्रियों में काम कर रहे लोगों ने काम करना छोड़ दिया, स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को स्कूल जाना बंद कर दिया और अंग्रेजों को सभी प्रकार का सपोर्ट करना बंद हो कर दिया। यह आंदोलन अपनी चरम सीमा पर था और अब ऐसा लग रहा था कि भारत आजाद हो गया जाएगा लेकिन उसी समय चोरा चोरी नामक स्थान पर एक ऐसी घटना हो गई जिसकी वजह से उन महात्मा गांधी जी को यह आंदोलन बंद करना पड़ा।
4) चोरा चोरी कांड –
- जब असहयोग आंदोलन अपनी चरम सीमा पर था और देश के सभी नागरिक शांतिपूर्वक अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देश को आजादी दिलाने में लगे हुए थे और उस समय शांतिपूर्ण तरीके से रैली भी निकाल रहे थे तो अंग्रेजों ने उन सभी लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थी जिसकी वजह से अधिक संख्या में लोगों की मृत्यु हो गई थी और वहां पर उपस्थित कुछ सैनिकों की भी मृत्यु हो गई थी तो लोगों ने महात्मा गांधी जी का सपोर्ट करना बंद कर दिया। जिसकी वजह से महात्मा गांधी जी को यह आंदोलन बंद करना पड़ा।
5) भारत छोड़ो आंदोलन-
- भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत 1942 में की गई थी और इस समय देश के बच्चे से लेकर के बड़े बुजुर्ग के अंदर यह गुस्सा बढ़ चुका था कि अब देश को आजादी दिलानी है और उसके बाद में बड़े पैमाने पर इस आंदोलन की शुरुआत की गई थी और यह आंदोलन रोकना अंग्रेजों के लिए नामुमकिन सा हो गया था क्योंकि पूरा देश इकट्ठा होकर के अंग्रेजों को भारत छोड़ो का नारा दे रहा लेकिन उसके बावजूद भी यह आंदोलन सफल नहीं हो सका, उसके पीछे बहुत सारे कारण थे।
- जैसे कि अंग्रेजों के स्कूलों में और कॉलेजों में भारतीय लोगों के द्वारा बच्चे को पढ़ाया जा रहा था। साथ ही साथ इस आंदोलन की शुरुआत सभी लोगों ने एक साथ नहीं की थी। इसके अलावा सभी लोगों को लग रहा था कि अब देश आजाद होने वाला है तो नागरिकों की इस सोच ने इस आंदोलन को कमजोर कर दिया था कर दिया था
महात्मा गांधी जी की मृत्यु –
- 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी जी की गोली मारकर के नाथूराम गोडसे ने हत्या कर दी थी और उनके मुख्य से अंतिम शब्द हे राम निकला था। उनकी मृत्यु के बाद दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गांधी जी का समाधि स्थल बनाया गया।
- महात्मा गांधी जी आज भले ही हमारे बीच में ही है लेकिन उनके कही गई एक एक शब्द देश के हर एक नागरिक को आज भी याद है। महात्मा गांधी जी की मृत्यु के सिर्फ 7 महीने बाद देश को आजादी मिल गई थी।
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निष्कर्ष (Conclusion)- Mahatma Gandhi Biography in Hindi
- आज हमने जाना है ” Mahatma Gandhi Biography in Hindi ” उम्मीद करते हैं कि इस लेख में बताएगी महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय आप सभी को जरूर पसंद आया होगा। यदि आप और ऐसी ही महान लोगों की बायोग्राफी पढ़ना चाहते हैं तो हमारे ब्लॉग के साथ जुड़े रहे क्योंकि हम अपने ब्लॉग पर आपके साथ ऐसी ही बेहतरीन बायोग्राफी शेयर करते रहते हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इस लेख Mahatma Gandhi Biography in Hindi को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें धन्यवाद।