Hindi Very Short Story | नमस्कार दोस्तों SelfhelpinHindi.com पर आप सभी का स्वागत है। एक नई कहानी (Story) हमको एक नया पाठ(Lesson) सिखाती है। जीवन की सच्चाई का बोध करवाती है।
कहानियां पढ़ने में चाहे कितने भी मनोरंजक क्यों ना हो लेकिन उन कहानियों के पीछे छुपे संदेश को समझना महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इस लेख हम आपको नैतिकता का बोध कराने वाली Hindi Very Short Story With Moral शेयर करने जा रहे है। इन कहानियों को यदि आप पढ़ते हैं तो आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आ सकते हैं।
Table of Contents
नैतिक कहानियां(Moral Stories) हमको क्यों पढ़नी चाहिए?
- कहानियां हमको सोचने पर मजबूर करती है और इन Hindi Short Stories की मदद से आप जीवन में निर्णय लेने में सक्षम हो पाते हैं। कठिन से कठिन परिस्थिति में भी सही सोच रख सकते हैं।
- लाइफ में बहुत बार ऐसी परिस्थितियां आती है कि हम कठिन परिस्थितियों में पूरी तरह से फ़स जाते हैं और हमको वहां से निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आता है तो ऐसे में ये Moral Stories आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है और सही राह पर चलने में मदद करती है। तो इन Hindi Very Short Story को अवश्य पढ़ें।
Hindi Very Short Story | बच्चों के लिए प्रेरणादायक कहानियां
- हम आपके साथ “Hindi Very Short Story With Moral ” की बहुत ही बेहतरीन और प्रेरणादायक कहानियां शेयर करने जा रहे हैं. जिनको न सिर्फ बच्चे पढ़ सकते हैं बल्कि किसी भी उम्र का व्यक्ति पढ़ सकता है और अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकता है। ये Hindi Stories आपके नजरिए को बदलती है और आपको सिखाती है कि कैसे जीवन में कठिन से कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय ले सकते हैं।
1) सच्ची दोस्ती की कहानी – True friendship Very Short Hindi Story
- एक बार की बात है, किसी गांव में 2 दोस्त रहते थे। जिनमें एक का नाम सुरेश था और दूसरे का नाम मुकेश था। दोनों के बीच में काफी गहरी दोस्ती थी और एक दूसरे को भी अच्छे से समझते और जानते थे।
- एक दिन दोनों पास के तालाब में तैरने के लिए गए तो उन्होंने देखा कि उनके पास के गांव के काफी सारे लड़के भी उस तालाब में तैरने के लिए आए हुए थे। जब दोनों दोस्त तालाब में तैरने के लिए उतरे तो पानी काफी स्वच्छ था लेकिन कुछ समय बाद जब उन्होंने ताला तालाब में छलांग लगाई तो सुरेश को मगरमच्छ ने पकड़ लिया और किसी को भी मगरमच्छ के बारे में पता नहीं था कि वह तालाब में ही रहता है।
- मगरमच्छ को देखकर वहां से सभी दोस्त भाग गए थे लेकिन सुरेश की इस हालत को देखकर मुकेश उस तालाब से लड़ने मगरमच्छ से लड़ने लग गया लेकिन मगरमच्छ ने सुरेश के एक पैर को पकड़ रखा था तो मगरमच्छ किसी भी हालत में सुरेश को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था।
- मुकेश को उस मगरमच्छ को भगाने का कोई भी रास्ता नजर नहीं आ रहा था तो उसने पास में पड़ी एक लकड़ी को उठाया और मगरमच्छ की आंख में लकड़ी को तेजी से मारा तो जैसे ही लकड़ी मगरमच्छ की आंख में लगी तो मगरमच्छ ने सुरेश के पैर को छोड़ दिया और मुकेश ने अपने दोस्त सुरेश को बचा लिया।
- Moral of Short Story – यह कहानी हमको यह शिक्षा देती है कि हमारे दोस्त तो बहुत सारे होते हैं लेकिन सच्चा दोस्त वही होता है जो मुश्किल परिस्थिति में भी हमारा साथ देता है। क्योंकि एक सच्चे दोस्त की पहचान मुश्किल परिस्थिति में ही होती है।
2) चिड़िया के दो बच्चों की कहानी –
- एक बार की बात है कि एक गांव में एक चिड़िया एक आंगन की पेड़ में अपना घोंसला बनाती है। उस चिड़िया के दो छोटे-छोटे बच्चे होते हैं। जिनके लिए वह चिड़िया हर दिन खाना लेकर आती है और उनको खाना खिलाती है। दोनों बच्चे चिड़िया को उड़ने के लिए कहते हैं तो चिड़िया कहती है कि अभी तुम बच्चे हो जब तुम बड़े जाओगे तो मैं तुम्हें उड़ना सिखा दूंगी।
- जैसे ही बच्चे कुछ दिन बाद बड़े होते हैं तो उड़ने के लिए चिड़िया को बोलते हैं तो चिड़िया उन दोनों बच्चों को उड़ाने के लिए अपनी पीठ पर बैठाती है और आसमान की तरह लेकर उड़ जाती है। थोड़ी सी ऊंचाई पर जाने के बाद में चिड़िया उन दोनों बच्चों को छोड़ देती है तो उनमें से एक बच्चा धीरे-धीरे अपने पंख हिलाना शुरू करता है।
- उनमें से कोई भी बच्चा जब जमीन पर गिरने लगता है तो चिड़िया उसको वापस अपनी पीठ पर बिठाकर ऊपर ले कर चली जाती है तो इस तरह से दोनों बच्चे उड़ने का प्रयास करते रहते हैं और उस दिन के बाद दोनों बच्चे उड़ना सीख जाते हैं और हर दिन अपने लिए बाहर जाकर खुद खाना लेकर आते हैं।
- Moral of Story – यह कहानी हमको निरंतर प्रयास करने की शिक्षा देती है। यदि आप किसी भी कार्य की शुरूआत करते हैं तो उस कार्यों में सफल होने के लिए अभ्यास महत्वपूर्ण होता है। अभ्यास के बिना कुछ भी नहीं कर सकते है
3) चींटी और कबूतर की कहानी –
- एक समय की बात है कि एक जंगल में एक चींटी और कबूतर दोनों रहा करते थे। पास की नदी के किनारे चींटी टहल रही थी तो कबूतर पेड़ पर बैठा हुआ था तो अचानक से हवा के झोंके के आने की वजह से वह चींटी उस नदी में जा गिरती है।
- जब वह पानी के बहाव से परेशान हो जाती है तो उस पास में बैठे कबूतर की नजर चींटी पर पड़ती है तो वह जिस पेड़ पर बैठा होता है उस पेड़ के पत्ते को नदी के किनारे फेंक देता है तो चींटी उस पत्ते पर बैठ जाती है और नदी से बाहर आ जाती है। ऐसा करने पर वह कबूतर को धन्यवाद करती है।
- कुछ दिन बाद जब शिकारी जंगल में शिकार करने के लिए आते हैं तो अपना जान पेड़ पर फैला देते हैं। ऐसा करती हुई वह चींटी उन शिकारियों को देख लेती है और जब उस चींटी को उस जाल में आते हुए कबूतर नजर आता है तो वह चींटी उस शिकारी को काट लेती है। जैसे ही शिकारी को काटती है तो वह शिकारी जोर से चिल्लाता है और ऐसा करने पर कबूतर की नजर उस जाल पर पड़ जाती है और वह कबूतर वहां से उड़ जाता है।
- जब कबूतर को पता लगता है कि उसकी जान चींटी ने बचाई है तो वह चींटी का धन्यवाद करता है और कहता है कि यदि आज तुमने मुझे नहीं बताया होता तो शायद आज मेरी जान चली जाती।
- Moral of Hindi Story – यह कहानी हमको यह सिखाती है कि जब हम किसी दूसरे का भला करते हैं तो हमारा भी भला होता है।
4) घमंडी मुर्गे की कहानी –
- एक समय की बात है, जब एक पहाड़ पर दो मुर्गे रहा करते थे। दोनों मुर्गों ने एक दिन यह निर्णय लिया कि इस पहाड़ पर वही राज करेगा जो हमारे बीच होने वाली लड़ाई का विजेता होगा।
- दोनों मुर्गे पहाड़ को लेकर लड़ रहे होते हैं और अपनी पूरी ताकत के साथ लड़ रहे थे तो उनमें से एक मुर्गा बुरी तरह से घायल हो जाता है और उस लड़ाई को हार जाता है। वही दूसरा मुर्गा उस लड़ाई को जीत जाता है। ऐसा करने पर जीतने वाला मुर्गा पहाड़ पर खड़ा होकर जोर-जोर से अपनी जीत की घोषणा करने लग जाता है।
- ऐसा करते हुए ऊपर उड़ रहा बाज उस घमंडी मुर्गे को देख रहा होता है। कुछ समय बाद बाज उस मुर्गे पर झपट्टा मारकर उसको पकड़ कर दूर ले जाता है और हारा हुआ मुर्गा वहां पर सब कुछ देख रहा होता है और खुद को पहाड़ का विजेता घोषित कर देता है।
- Moral of Story – यह कहानी हमको यह शिक्षा देती है कि जीवन में जरूरत से ज्यादा घमंड नहीं करना चाहिए।
5) किसान की बिल्ली और चूहे की कहानी –
- एक समय की बात है एक गांव में एक बहुत अमीर किसान रहता था। जिसके पास बहुत जमीन थी और वह अपनी जमीन में ढेर सारा अनाज उगाता था। अनाज को रखने के लिए उसने एक गोदाम बनवाया था। जिसमें वह अपना पूरा अनाज रखता था लेकिन उस अनाज के गोदाम में कुछ समय बाद बहुत सारे चूहे आने लग गए थे। जो उस किसान के अनाज को खाते थे और बर्बाद करते थे।
- किसान ने उन चूहों से छुटकारा पाने के लिए बिल्ली को गोदाम में लाकर छोड़ दिया। कुछ ही दिनों बिल्ली ने सभी चूहों को खत्म कर दिया। बाकी बचे हुए चूहे बिल्ली के डर से बिल में घुस गए तो धीरे-धीरे बिल्ली को समझ आने लग गया कि चूहे इस तरह से तो बाहर निकलेंगे नहीं, उसको ही कुछ करना पड़ेगा। तो बिल्ली ने उन चूहों को बिल से बाहर निकालने के लिए प्लान बनाया और वह एक मेज पर चढ़ी और ऊपर से कूद गई और मरने का नाटक करने लग गई।
- बिल्ली के नीचे गिरने की आवाज को सुनकर के बिल से बाहर निकल कर एक चूहा बिल्ली को बोलता है कि आप चाहे कितनी भी चालाकी क्यों ना कर ले, हम अपने बिल से बाहर नहीं निकलेंगे। हमको पता है कि हमको बिल से बाहर निकलते ही हम सभी को मार दोगी। इसलिए हम बिल से बिल्कुल भी बाहर नहीं निकलेंगे।
- Moral of Story – यह कहानी हमको यह शिक्षा देती है कि जो इंसान समझदार होता है। वह कभी भी जीवन में ऐसे लोगों से बार-बार धोखा नहीं खाता है, जिसने उसे पहले कभी धोखा दिया है।
6) धोखेबाजी का नतीजा –
- Hindi Very Short Story में एक बार की बात है, एक गांव में घर की मालकिन ने घर के कामकाज के लिए 2 नौकरानी रखी थी और उन दोनों नौकरानी को मालकिन ने अलग-अलग काम दे रखा था और उन दोनों का कार्य सुबह 4:00 बजे शुरू हो जाता था। मालकिन ने उन दोनों को 4:00 बजे उठाने के लिए एक मुर्गा रखा था लेकिन उन दोनों नौकरानी को सुबह उठना बिल्कुल भी पसंद नहीं था जैसे ही 4:00 बजे थे थे मुर्गा जोर-जोर से शोर मचाने लग जाता था और उन दोनों नौकरानी को धीरे-धीरे उस मुर्गा से नफरत होने लग गई थी और उन दोनों ने मुर्गे को मारने के बारे में सोचा।
- दोनों ने प्लानिंग बनाई कि जिस दिन मालकिन घर पर नहीं रहेगी। उस दिन हम मुर्गे को खत्म कर देंगे। एक दिन मालकिन घर पर नहीं थी तो दोनों ने मिलकर उस मुर्गे को खत्म कर दिया लेकिन उन दोनों की चाल को मालकिन ने समझ लिया तो 1 दिन मालकिन उन दोनों नौकरानी को रात में ही उठा दिया और बोली कि काम करना शुरू कर दो तो दोनों नौकरानी बोलती है की मालकिन अभी तो सुबह के 4:00 नहीं बजे हैं तो मालकिन कहती है कि तुम काम करना शुरू करो और जैसे ही 4 बजे तो मुझे जगा देना।
- ऐसा कहकर मालकिन चली जाती है और दोनों नौकरानी को काफी ज्यादा पछतावा होता है कि उन दोनों ने खुद का ही नुकसान कर लिया था। यदि दोनों ऐसा नहीं करती तो 4:00 तक आराम से सोती।
- Moral of Story – यह कहानी हमको ईमानदारी की सीख देती है कि जीवन में हमेशा आपको अपने काम के प्रति ईमानदार होना चाहिए। क्योंकि बेईमानी से सिर्फ खुद का नुकसान ही होता है।
7) लालची व्यक्ति की कहानी –
- एक समय की बात है एक गांव में एक बहुत ही लालची व्यक्ति रहता था। उसके पास धन बहुत था लेकिन उसके बावजूद भी उसके मन में हर समय लालच ही घूमता रहता था। लेकिन उसको अपनी बेटी से बेहद ही अत्यधिक प्यार था। उसको एक दिन एक परी नजर आती है। जब वह व्यक्ति परी के पास जाता है तो देखता है कि उस परी के बाल एक पेड़ की टहनियों में फंस जाते हैं तो उस व्यक्ति ने उस परी के बाल टहनियों से आजाद कर दिए।
- लेकिन उसके मन में एक लालच आया और उस परी को कहता है कि मैंने तुम्हारी मदद की है तो बदले में मुझे कुछ देना होगा। यह बात सुनकर परी कहती है कि जो भी तुम कुछ मांगोगे मैं तुम्हें अवश्य दूंगी तो लालची व्यक्ति कहता है कि” जिस चीज को भी मैं छूऊ तो वह सब कुछ सोना बन जाए “
- परी ने उस लालची व्यक्ति की इच्छा पूरी कर दी। इस बात पर वह इंसान अत्यधिक खुश था और अपनी पत्नी और बेटी को यह बात बताने के लिए घर तेजी के साथ आ रहा था और रास्ते में जिस भी चीज को हाथ लगा रहा था वो सब कुछ सोना बनती चली जा रही थी तो जैसे ही वह घर पहुंचता और अपनी बेटी को गले लगाता है तो उसकी बेटी सोने की मूर्ति बन गई।
- यह सब घटना को देखकर लालची व्यक्ति काफी जाता दुखी हो जाता है और उसको अपनी गलती का एहसास होता है और जोर जोर से रोने लग जाता है कि मुझे मेरी बेटी वापस कर दो लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
- Moral of Story – यह कहानी हमको यह शिक्षा देती है कि जीवन में जरूरत से ज्यादा लालच भी हमको पतन की तरफ लेकर जाता है और हमको सिर्फ पीड़ा देता है।
8) ईमानदारी की कहानी – Honesty Very Short Hindi Story
- एक समय की बात है जब एक गांव में एक लकड़हारा रहा करता था। वह हर रोज जंगल से लकड़ी काटकर अपने घर लेकर आता था। एक दिन जब जंगल में वह एक पेड़ पर लकड़ी काट रहा होता है तो उसके ठीक नीचे तालाब होता है और लकड़ी काटते समय कुल्हाड़ी हाथ से छूट जाती है और तालाब मे जा गिरती है।
- लकड़हारा बेहद ही गरीब था। उसके पास लकड़ी काटने के रोजगार के अलावा और कोई रोजगार नहीं था। वह बेहद ही उदास हो गया और जोर जोर से रोने लगता है।
- रोने की आवाज सुनकर जल देवता पानी से बाहर निकल कर आते हैं और लकड़हारे के लिए तीन कुल्हाड़ी लेकर आते हैं। जिनमें से एक सोने की, दूसरी चांदी की और दूसरी लोहे की थी।
- जल देवता लकड़हारे को कहते हैं कि इनमें से तुम्हारी कौन सी है? लकड़हारा ईमानदार इंसान था। तो वह जल देवता को कहता है कि लोहे की कुल्हाड़ी मेरी कुल्हाड़ी है। इस बात पर जल देवता लकड़हारे से बेहद ही खुश होते हैं और तीनों कुल्हाड़ी उस लकड़हारे को दे देते हैं। लकड़हारा जल देवता का धन्यवाद करता है और खुश होकर अपने घर वापस चला जाता है।
- Moral of Story – यह कहानी हमको शिक्षा देती है कि जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों ना हो आपको हमेशा ईमानदार बनकर रहना चाहिए। क्योंकि ईमानदारी इस दुनिया का सबसे बड़ा धन है। ईमानदारी के दम पर आप जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
9) दयालु लड़के की कहानी –
- एक बार एक गांव में एक बेहद ही गरीब लड़का रहता था। वह हर रोज तालाब के किनारे घूमने के लिए जाता था। तो एक दिन वह देखता है कि तालाब के कीचड़ एक हंस से फंस जाता है। लड़का दयालु होता है तो उसने हंस को कीचड़ से बाहर निकाला और उसको अच्छे से साफ करके, साफ पानी में पहुंचा दिया।
- ऐसा करने पर हंस उस लड़के का धन्यवाद करता है और बदले में एक पंख दे देता है। लड़का जब उस पंख को लेकर के घर चला जाता है और रात को पंख को अपने बिस्तर में रख कर सोता है।
- सुबह जब उठकर देखता है तो उस पंख की जगह कुछ हीरे रखे होते हैं। हीरो को देखकर लड़का खुश होता है और एक हीरे को बेचकर बदले में पैसे लेकर आता है और अपने गरीब परिवार की मदद करता है।
- Moral of Story – कहानी हमको यह शिक्षा देती है कि यदि आपकी परिस्थिति अच्छी होती है तो आपको मुसीबत में पड़े लोगों की मदद अवश्य करनी चाहिए। क्योंकि मदद के बदले आपका भला होता है।
10) एक दुष्ट बगुले की कहानी –
- एक समय की बात है एक तालाब में मछलियां रहा करती थी। 1 दिन उस तालाब में एक दुष्ट बगुला आता है और उन सभी मछलियों को मारकर खाने लग जाता है। भूख ना होने पर भी दुष्ट बगुला सभी मछलियों को मार देता था।
- सभी मछलियां उस बगुले से परेशान हो गई और अपने दोस्त केकड़े के पास गई और केकड़े को अपनी पूरी समस्या विस्तार से बताने लग गई। केकड़े ने मछलियों को कहा कि आज से तुमको घबराने की आवश्यकता नहीं है। मैं उस दुष्ट को सबक सिखा कर ही रहूंगा।
- अगले ही दिन बगुले के पास केकड़ा जाता है और उसको कहता है कि तुम मछलियों को क्यों परेशान करते हो और इस बात पर बगुला कहता है कि मैं तुमसे और मछलियों से ताकतवर हूं। इसलिए मैं उनको मारता हूं, तुम मेरा कुछ भी नहीं कर सकते हो।
- केकड़ा कहता है कि यदि तुम ताकतवर हो तो मुझे मार सकते हो। बगुला कहता है कि तुम मेरे सामने क्या हो। मैं तुम्हें अपनी चोंच से ही मार सकता हूं। जैसे ही बगुला केकड़े को पकड़ने की कोशिश करता है। वैसे ही केकड़ा अपने पंजों से बगुले की गर्दन को मरोड़ देता है। जिसके तुरंत बाद बगुले का दम घुटने लग जाता है और वह तुरंत मर जाता है।
- Moral of Story – कहानी हमको यह शिक्षा देती है कि जीवन में जरूरत से ज्यादा घमंड नहीं करना चाहिए। यदि आपके पास ताकत है तो उस ताकत का गलत तरीके से इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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निष्कर्ष (Conclusion)-
- आज हमने जाना है ” Hindi Very Short Story With Moral ” उम्मीद करते हैं कि इस लेख में बताई गई सभी ” Hindi Motivational Story ” आपको जरूर पसंद आई होगी और यदि आप भी अपने जीवन में सकारात्मक सोच का विकास करना चाहते हैं और अपने लिए बेहतर परिणाम लेकर आना चाहते हैं तो आपको इन सभी कहानियों को अवश्य पढ़ना चाहिए।
- कहानियां हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है और मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यदि आप इन सभी कहानियों को पूरा पढ़ते हैं तो आप में एक नई ऊर्जा का विकास होगा। जिसकी मदद से आप अपने जीवन में बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। अगर आपको इस लेकर की जानकारी अच्छी लगी तो इसको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करना ना भूले, धन्यवाद।