हेलो दोस्तों, लाइफ में कई बार हमारे सामने कुछ ऐसी situation या problem आती है जहा पर की हम confuse हो जाते है और सोच में पड़ जाते है की आख़िरकार करे तो क्या? ऐसा अक्सर इसलिए होता है जहा पर की हमें उस particular problem या situation के बारे में ज्यादा कुछ information नहीं होती याफिर उस situation या problem में क्या करना है इसके बारे में हमें नहीं पता होता। तो यहाँ पर आपको एक ही स्किल काम आती है और वो है Critical Thinking।
इस स्किल के ज़रिए हम पेचीदा स्थिति में अच्छे से सोच समझकर निर्णय ले सकते है और किसी भी ख़राब स्थिति से बाहर आ सकते है तो आज इस आर्टिकल के ज़रिये हम ये जानने की कोशिश करेंगे है की क्रिटिकल थिंकिंग क्या है?, क्रिटिकल थिंकिंग कैसे करते है? और साथ ही साथ Critical thinking क्यों ज़रूरी है? इसके फायदे क्या क्या है?,तो चलिए बहुत ही आसान और सीधे शब्दों में जानने की कोशिश करते है Critical Thinking के बारे में…
क्रिटिकल थिंकिंग क्या है?
- तो सबसे पहले जानने की कोशिश करते है की क्रिटिकल थिंकिंग का मतलब क्या होता है? Critical thinking का मतलब होता है कि किसी भी problem या situation में सभी बातों को अच्छे से जानकर, परखकर, सोच समझकर, सही गलत की पहचान कर के और साथ ही साथ होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में सोचकर और फिर उसके बारे में कोई एक्शन या डिसीजन (निर्णय) लेना इसी को हम Critical Thinking कहते है।
Critical thinking क्यों ज़रूरी है?
- Critical thinking आपके लाइफ के हर छोटे बड़े problem या situation में आपको सही फैसला लेने में आपके लिए बेहद फायदेमंद है। जैसे की आपसे करियर से जुडी बात (Career kaise banaye) हो,पैसों से जुडी बात (Money management in hindi) हो,आपके रिश्तों से जुड़े कोई बात हो (Relationship tips in hindi), आपके हेल्थ से जुड़े कोई बात हो याफिर आप लाइफ के किसी ऐसे situation या problem में फसे हो जहा आपको कुछ समझ नहीं आ रहा तो ऐसे में आपको critical thinking बहुत फायदेमंद है।
Critical thinking कैसे करते है?
- नीचे दिए गए steps को follow कर के आप Critical Thinking कर सकते हो। एक और बात ये ज़रूरी नहीं है की आप किसी मुश्किल हालात में ही क्रिटिकल थिंकिंग बल्कि मैं तो कहता हु की आप छोटे छोटे पर important डिसीजन लेते वक़्त भी Critical Thinking कर सकते है….
1) जानकारी लो:
- आप जब भी किसी situation या कोई problem में फसे हो याफिर किसी बात को लेकर confuse हो तो ऐसे में आप सबसे पहले उससे जुडी सारी जानकारी लो,सभी चीज़ों को अच्छे से समझो और हालात का जायजा लो। जब आप जानकारी लेते है तो फिर उस चीज़ से जुडी या उस situation में आपको जो कुछ भी confusion है वो दूर हो जाएगा और आपको आगे क्या करना है इसके बारे में अंदाज़ा हो जाएगा।
2) सवाल पूछो:
- जानकारी लेने के बाद भी अगर आपके मन में कुछ शंकाएं है तो आप सवाल पूछकर या उसके बारे में इंटरनेट के माध्यम से जानकारी लेकर अपनी शकाओं को दूर कर सकते हो। इससे आपको उस चीज़ के प्रति अच्छी जानकारी हो जाएगी और अगर आप किसी situation या problem में फसे हुए हो तो उसका भी हल आपको मिल जाएगा।
3) सही गलत का पता करो:
- किसी चीज़ के बारे में या किसी situation याफिर problem के बारे में अच्छे से जानने के बाद उस जानकारी के ज़रिये जायजा लो और देखो की आपने जो कुछ भी जानकारी ली है वो सही है या गलत,उससे आपको फायदा होगा या नुकसान और भविष्य में उसका फायदा होगा या नुकसान इन सभी बातों को ध्यान में रखकर अच्छे से जाँचे परखें और फिर कोई एक्शन लें।
- अगर आपको मिली हुयी जानकारी में कुछ शंकाएं उत्पन्न होती है, कोई तथ्य नज़र नहीं आता याफिर कुछ गलत लग रहा है या कुछ नुकसान होने की आशंका है तो तब आपको ऐसी स्थिति में जल्दबाजी में कोई एक्शन नहीं लेना है।
4) अलग तरीके से सोचो:
- जब भी आप किसी difficult situation में problem फसते हो याफिर किसी चीज़ को लेकर confuse हो तो ऐसे में संभावनाओं (Possibilities) को देखो मतलब की कौनसी चीज़ें आपके लिए काम कर सकती है,कौनसा ऑप्शन आपके लिए सही और फायदेमंद रहेगा ये सोचो। इसके अलावा आप अपने अब तक के अनुभव के ज़रिये और किसी एक्सपर्ट की राय लेकर भी किसी निष्कर्ष पर पहुँच सकते हो और एक सही निर्णय ले सकते हो।
- इसके अलावा आप लाइफ में आयी छोटे बड़े problem को solve करने के लिए अपनी क्रिएटिव सोच से प्लानिंग कर सकते हो,रणनीतियों (Strategies) को फॉलो कर सकते हो,नए नए विचारों से याफिर किसी परिवर्तनात्मक (Innovative) तरीके से आपके लाइफ में आये हुए किसी भी तरीके के situation से या problem बाहर निकल सकते हो।
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Conclusion
- तो इस आर्टिकल के ज़रिये हमने जाना की क्रिटिकल थिंकिंग क्या है? और हमारी लाइफ में इसकी क्यों ज़रूरी है? इसे अलावा हमने जाना की किन स्टेप्स फॉलो कर के हम critical thinking कर सकते है जिसमें जानकारी लेना, सवाल पूछना,सही गलत का पता करना और अलग तरिके से सोचना ये चार स्टेप्स मुख्य तौर पर शामिल है।
- अगर आपको हमारा आर्टिकल कैसा लगा ये comment section में ज़रूर बताना और अगर आपका कोई पर्सनल सवाल हो तो आप हमें [email protected] पर मेल कर सकते है।