Comfort Zone से बाहर निकलने के लिए 9 Life Changing टिप्स

हम में सभी लोग अपने जिंदगी में सफल होना चाहते है ऊँचे से ऊँचे मुकाम हासिल करना चाहते है पर कितने लोग वाकई में सफल हो पाते है? ज्यादातर लोग अपने जिंदगी में उतने सफल नहीं हो पाते जितना वो actually में होना चाहते है और इसके बहुत सारे कारण है जैसे की आलस, टालमटोल, डर या आत्मविश्वास की कमी इसके अलावा और भी एक बहुत बड़ा कारण है और वो है comfort zone|

हम अपने जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहते है पर थोडीसी achievement के बाद हम अपने आप को उसी situation में समेट लेते है और अपने comfort में ही खुश रहना पसंद करते है| इस Comfort zone में फसकर से हम अपने भविष्य को बर्बाद करते है और ये बात कोई जल्दी समझ ही नहीं पाता क्योंकि वो अपने comfort से बाहर ही नहीं निकल पाते और एक तरह से वो कुए के मेंढक बन के रह जाते है|

कम्फर्ट जोन का मतलब (Comfort zone meaning in hindi)

Comfort zone यानिकि सुविधा क्षेत्र लाइफ की ऐसी situation है जिसमें लोग अपने आप को बहुत ही सुविधाजनक (Comfortable) महसूस करते है और वो उसी situation में रहना पसंद करते है| वो अपने अंदर के डर की वजह से या फिर अपने मानसिकता की वजह से वो अपनी लाइफ में कोई बदलाव नहीं चाहते इसी को comfort zone कहा जाता है|

Comfort zone से बाहर आने के फायदे

1) हम अपनी जिंदगी पूरी तरह से बदल पाते है|

2) हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है|

3) हमें भविष्य में बहुत सारी opportunities मिलती है|

4) हम निडर बन जाते है|

5) हम किसी भी परिस्थिति में अपने आप को ढालना सीख जाते है|

6) हमारी मानसिकता (Mindset) बदल जाती है|

7) हम जिंदगी में बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर पाते है|

Comfort zone से बाहर आने के लिए इन tips को follow करो:

1) आलस से दूर रहो:

Comfort zone आलस से दूर रहो

  • अक्सर हम किसी काम को करने के लिए मन से ठान तो लेते है लेकिन ऐन वक़्त पर हम आलस से घिर जाते है जैसे की आप को भी पता होगा की कई बार सुबह जल्दी उठने की ठान लेने के बाद भी हम आलस के कारण नहीं उठ पाते है और ऐन वक़्त पर नींद पूरी न होने का या ठण्ड का बहाना बनाकर फिर से सो जाते है|
  • इस आलस के कारण ही हम अपने comfort zone में फसे रहते है इसीलिए अगर आप को अपने comfort zone से बाहर आना है तो अपने आलस को खत्म करना होगा|

आलस को दूर करने का सबसे आसान उपाय – बस 21 दिन ये तरीके फॉलो करलो

2) अपने डर को भगाओ:

  • कई बार हम हमारे अंदर बसे डर के कारण जिंदगी में कुछ नया करने की सोचते ही नहीं और असलियत तो ये है की हम अपने जिंदगी में कोई बदलाव ही नहीं चाहते क्योंकि हम बदलाव से डरते है|
  • हम अपनी जिंदगी बस बिना किसी रिस्क के और बिना किसी प्रोब्लेम्स के गुजरना चाहते है और हमारे इसी डर के कारण हम अपने दायरे के बाहर की चीज़ें करने की सोचते ही नहीं है और इसीलिए हम अपने comfort zone से बाहर नहीं निकल पाते| इसीलिए किसी भी तरह के बदलाव से या किसी भी तरह के प्रोब्लेम्स से डरने की बजाय आत्मविश्वास रखो और लाइफ में किसी भी तरह की situation का डट कर सामना करो|

जानिए डर को भगाने का तरीका

3) रिस्क लो:

  • Comfort zone में रहने वाले लोग बहुत ही कम रिस्क लेते है क्योंकि उन्हें अपनी जिंदगी में कोई ख़ास बदलाव नहीं चाहिए होता है वो बस “चल रहा है चलने दो” इस mindset के साथ अपनी जिंदगी जीते है| सोच समझकर छोटे बड़े रिस्क लेने से हमारा confidence बढ़ता है, हम अपनी खूबियों को जान पाते है, हमें नयी नयी opportunities मिल पाती है और हम अपने comfort zone से बाहर निकल कर अपनी जिंदगी को बदल पाते है|

4) छोटी शुरुवात करो:

  • जैसे ही हमें किसी नयी चीज़ की शुरुवात करनी होती है तब हमें वो चीज़ मुश्किल लगती है, हमें उस चीज़ से आलस्य आने लगता है और ऐसे में हम उस चीज़ को टालने की कोशिश करते है और अपने comfort zone में ही रहना पसंद करते है|
  • इसीलिए कोई भी नए काम की शुरुवात करते वक़्त उसकी शुरुवात एकदम छोटे से करो जैसे की अगर आप को कल सुबह उठकर दौड़ लगाना है तो आप पहले ही दिन 1 घंटा दौड़ नहीं लगा सकते नहीं तो आप पहले ही दिन थक जाओगे इसीलिए आप पहले दिन दस मिनट दौड़ लगा सकते हो, दूसरे दिन पंधरा मिनट और ऐसे कर के आप अपने दौड़ने का समय बढ़ा सकते हो और इससे धीरे धीरे दौड़ना आपके daily habit में भी शामिल हो पायेगा और इसी method को follow कर के आप कोई भी नयी चीज़ सीख सकते हो और अपने comfort zone को तोड़ सकते हो|

5) परिणामों के बारे में सोचो:

  • अगर आपके टालमटोल की आदत की वजह से या फिर आपके डर की वजह से आप अपने comfort zone से बाहर आकर कोई नया काम शुरू नहीं कर पा रहे हो या कोई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं ले पा रहे हो तो भविष्य में इसके क्या परिणाम हो सकते है इसके बारे में सोचो इससे आप comfort zone से बाहर निकल पाओगे|
  • जैसे की मानलो अगर तीन महीने बाद आपके एग्जाम है और आप पढ़ाई की जगह टालमटोल कर के यूँही समय गवा रहे हो तो हो सकता है आपके रिजल्ट अच्छे न आये या फिर आप फेल भी हो सकते हो और वही अगर आप पढ़ाई करोगे तो अच्छे मार्क्स से पास हो जाएंगे| अगर आप भी ज़रूरी चीज़ों को टालते रहते हो तो आप को भी उसके परिणामों के बारे में सोचकर सही से निर्णय लेकर उस चीज़ पर काम करना है और अपने comfort zone से बाहर आना है|

6) नयी चीज़ें सीखो:

  • समय समय पर ऐसी नयी नयी चीज़ें सीखते रहो जो थोड़ी challenging हो जैसे की कोई नयी लैंग्वेज सीख ली या कार ड्राइविंग सीख ली या और कोई स्किल सीख ली| इसके अलावा नए नए लोगों से मिलो उनसे बात करो, जिन चीज़ों से आप को डर लगता है उनकी बार बार प्रैक्टिस करो इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है, आप पहले से बेहतर बन जाते हो और आप अपने comfort zone से बाहर आ पाते हो|

7) अपनी मानसिकता बदलो:

  • कई बार हम खुद के ही बारे में कुछ negative beliefs बना लेते है जैसे की खुद को कमजोर समझना, खुद की ही काबिलियत पर भरोसा न होना और खुद के ही बारे में कुछ negative बातें सोचना और ऐसी मानसिकता के कारण है हम हमारी लाइफ में आगे नहीं बढ़ पातें और कही न कही हम उस comfort zone में ही सिमटकर रह जाते है| इसलिए अपनी पुरानी सोच को हटाकर अपनी खूबियों को पहचानो और अपने कमियों पर काम करो इससे आप अपने comfort zone से बाहर निकलो और अपनी लाइफ को बेहतर बनाओ|

8) लोगों की बातों में मत आओ:

Comfort zone लोगों की बातों में मत आओ

  • ये सबसे बड़ी प्रॉब्लम है की हम कोई भी निर्णय लेते वक़्त लोगों के बारे में सोचते है और उनकी राय लेने लगते है फिर चाहे वो पढ़ाई की बात हो, करियर की बात हो या फिर किसी और चीज़ की बात हो; लोगों की बातों में आकर हम कई बार अपने comfort zone से बाहर नहीं आ पाते है और कही न कही हमारे growth पर इसका असर पड़ता है|
  • हमें यह लगता है की लोग हमें सही राय देंगे पर हर बार यह सही नहीं होता क्योंकि लोग भी गलत हो सकते है और वो अपनी पुरानी सोच के basis पर आप को राय दे सकते है| इसीलिए लोगों की बातों में मत आओ हा अगर ज़रूरत पड़े तो आप किसी expert की सलाह ले सकते हो पर ऐसे लोगों की राय कभी मत लेना जिन्हें आपके करियर से जुड़े फील्ड की किसी भी तरह का अनुभव न हो|

9) इच्छाशक्ति को मजबूत करो:

  • कई सारे लोग बड़े बड़े सपने तो देखते है पर कही न कही उनकी इच्छाशक्ति कम पड़ जाती और वो अपने comfort zone में ही रहकर अपने जिंदगी से समझौता कर लेते है| लेकिन आपकी इच्छाशक्ति मजबूत है तो आप अपने comfort zone से बाहर निकल कर अपने उस सपने को पाने के लिए किसी भी मुसीबत का सामना कर सकते हो; इसीलिए अपने इच्छाशक्ति को मजबूत करो|

जानिये इच्छाशक्ति (Willpower) कैसे बढ़ाये?

Conclusion

तो इस आर्टिकल के ज़रिये हमने जाना की कैसे हम अपनी जिंदगी में छोटे बड़े रिस्क लेकर, किसी मुश्किल या किसी बड़े काम की शुरुवात छोटे छोटे स्टेप्स लेकर, अपने आलस को दूर रख कर, अपने डर को दूर कर के, समय समय पर कोई नयी नयी और challenging सीखकर, लोगों की बातों में न आकर, अपने इच्छाशक्ति को मजबूत कर के, हमेशा अपने comfort zone में रहने से भविष्य में इसके क्या परिणाम हो सकते है इसके बारे में सोचकर और अपनी मानसिकता (Mindset) को बदलकर अपने comfort zone से बाहर आ सकते है|

इन्हे भी पढ़े

So guys आपको ये वाला article कैसे लगा ये comment section में ज़रूर बताना; साथ ही साथ कुछ suggestions हो तो बता देना और आपको किस topic पर article चाहिए ये भी बता देना|

आपका कोई personal question हो तो आप मुझे selfhelpinhindi@gmail.com पे मेल कर सकते हो| Thank you, stay connected & love you guys…

Leave a Reply