हमारे जीवन में कभी कभी ऐसी परिस्थितियां आ जाती है जिससे की हम अंदर से दुखी और परेशान हो जाते है और ऐसे में हमे कुछ अच्छा नहीं लगता और हमारा मन उदास हो जाता है और अंदर एक घुटन सी महसूस होती है|
उदासी के कई सारे कारण हो सकते है जैसे अतीत की कुछ बुरी यादें, करियर की चिंता, रिश्तो में तनाव या आपसी मनमुटाव ऐसे और भी बहुत सारे कारण है जिससे की हमारा जीवन उदासी से घिर जाता है|
अगर आप ज्यादा समय तक उदास रहते है तो मानसिक तनाव या डिप्रेशन तक का शिकार हो सकते है इसलिए अगर आपका मन उदास हो तो कुछ बातों को समझकर और उन्हें अपनाकर इस स्थिति से खुद को बाहर निकालना बहुत ही जरूरी है|
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मन उदास क्यों होता है?
वैसे मन उदास होने का कोई ठोस कारण नहीं है बल्कि हमारे मन की स्थिति हमारे परिस्थिति के अनुसार या फिर hormonal changes के कारण बदलती ही रहती है| कुछ ऐसे मुख्य कारण जिससे की हमारा मन उदासी की स्थिति में पहुँच जाता है जैसे…
1) किसी चीज़ में असफलता आने पर-अगर हम किसी चीज़ में बार बार असफल हो रहे है तो ऐसे परिस्थिति में हमें कोई रास्ता नज़र नहीं आता और हमारा मन उदास हो जाता है|
2) किसी करीबी इंसान की मृत्यु हो जाने पर या किसी इंसान से दूर हो जाने पर|
3) दूसरों से तुलना (Compare) करने पर|
4) ज्यादा सोचने पर|
5) दूसरों से ज्यादा उम्मीद रखने के कारण|
6) शरीर में होर्मोनेस के बदलाव के कारण|
7) आपसी मनमुटाव के कारण|
8) किसी बिमारी के कारण|
9) अपने अतीत के कारण|
मन उदास हो तो क्या करना चाहिए?
1) ज्यादा मत सोचो:
कभी कभी हम किसी चीज़ के बारे में बहुत ज्यादा सोचते है और सोच सोच कर परेशान और उदास हो जाते है| ऐसे स्थिति में अपने मन को शांत रखो, अपने दिमाग को ज्यादा से ज्यादा क्लिअर रखो और जो बातें आपके जीवन के लिए महत्वपूर्ण है बस उन्ही के बारे में सोचो|
2) जगह छोड़ दो:
मन उदास हो तो ऐसे स्थिति में एक जगह बैठे रहने से आप अपने अंदर और ज्यादा खालीपन और उदासी महसूस करोगे इसलिए ऐसे स्थिति में तुरंत ही उस जगह को छोड़ दें और कुछ देर के लिए बाहर चले जाओ, दोस्तों या लोगों से मिलो इससे आप अच्छा महसूस करोगे और अपनी उदासी को दूर कर पाओगे|
3) अच्छी चीज़ों पर ध्यान दो:
- आपका मन उदास हो तो आपके लाइफ में जो कुछ भी अच्छी चीज़ें है उनके बारे में लिखें जैसे आपकी एक अच्छी फॅमिली हो सकती है, अच्छे दोस्त हो सकते है, आपका अपना घर हो सकता है या ऐसी और भी बहुत सारी चीज़ें हो सकती है जिनके बारे में आप लिख सकते हो| इससे आप को अंदर से एक खुशी महसूस होगी, confidence आएगा और आप उस उदासी भरी स्थिति से बाहर आ पाएंगे|
4) तुलना मत करो:
- हम में से कई सारे लोग खुद की तुलना दूसरों से करते है और ये भी उदासी का एक प्रमुख कारण है क्योंकि दूसरों से तुलना कर के हम अपने आप को कम समझने लगने लगते है; इसलिए किसी भी परिस्थिति में तुलना मत करो|
5) उदासी का हल निकालो:
- कुछ बातों को लेकर मन उदास हो तो उसका हल निकालने की कोशिश करो और अगर आप खुद से हल निकाल नहीं सकते तो अपने किसी भरोसेमंद इंसान के साथ अपनी मन की बातें शेयर करो और उनसे हेल्प लो| किसी से बातें शेयर करने से आपका मन हलका हो जाएगा और आपके उदासी का हल भी निकल पायेगा|
6) असफलताओं से बाहर निकलो:
- हम में से हर एक को किसी न किसी दिन असफलताओं (Failures) का सामना तो करना ही पड़ता है| कुछ लोग अपनी असफलताओं को झेल लेते है पर कुछ लोग असफलता के कारण अंदर से टूट जाते है और ऐसे समय में वो हर वक़्त दुःख और उदासी से घिरे रहते है| अगर आप को कोई असफलता मिली है तो अपने आप को कोसना, दुखी और परेशान होना बंद करो और उस असफलता से एक अच्छी सीख लो और देखो की कहा कहा गलतियां हुई थी और अगली बार उन गलतियों को मत दोहराओ और फिर से प्रयास करो|
7) भविष्य की चिंता मत करो:
- बहुत सारे लोग अपनी वर्तमान की स्थिति (Present situation) को ध्यान में रख कर अपनी भविष्य की चिंता करते है हा थोड़ी बहुत चिंता होना सही भी है पर हद से ज्यादा इस बारे में सोचना और परेशान होना आप को उदासी की तरफ ही ढकेलता है|
- ऐसी स्थिति से बचने के लिए अपने आप पर आत्मविश्वास रखो, एक निश्चित लक्ष्य को चुनो और उस लक्ष्य को पाने के लिए सही से योजना बनाओ इससे जीवन में आप को क्या करना है और कैसे करना है इन बातों का पता चल जाएगा और भविष्य की चिंता कम हो जायेगी|
8) दूसरों से उम्मीद मत रखो:
- कई बार हम दूसरों के लिए बहुत कुछ करते है और हम ये उम्मीद रखते है की वक़्त आने पर वो भी हमारे लिए कुछ करें और जब वो इंसान हमारे उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता तो हम मन ही मन दुखी और उदास हो जाते है| इसलिए आप को दूसरों के लिए कुछ करना है तो बेशक आप करो पर किसीसे कोई उम्मीद मत रखो|
9) खुद पर भरोसा रखो:
- अगर आप किसी कठिन समय से गुजर रहे हो फिर चाहे वो पैसों की दिक्कत हो या बेरोजगारी की समस्या हो या और कोई प्रॉब्लम हो पर हर समय परेशान और उदास होने के बजाय खुद पर भरोसा रखो और उस परिस्थिति से बाहर निकलने के बारे में सोचो|
10) खाली मत बैठो:
- मन उदास हो तो खाली मत बैठो क्योंकि जितना आप खाली बैठोगे उतना आप अपने दिमाग में कुछ न कुछ सोच के और उदास ज्यादा हो जाओगे फिर वो अतीत की बुरी यादें हो सकती है या फिर कोई ऐसी घटना हो सकती है जिससे आप बहुत दुखी हुए हो|
- इसलिए अपने दिनचर्या में पूरी तरह से बिजी हो जाओ और आपके जीतने भी important काम है उन पर अपना पूरा focus रखो और खाली समय बचता भी है तो वो समय अपने फॅमिली या फ्रेंड्स के संग बिताओ|
11) अपने आप को खुश रखो:
- मन उदास हो तो अपनी मनपसंद की चीज़ें करो जैसे अपनी hobbies पर काम करो, खुद का खयाल रखो, healthy खाना खाओ, अपने regular routine से हटकर कुछ अलग करने की कोशिश करो जैसे कही घूमने निकल जाओ, नयी नयी चीज़ें सीखो, नए फ्रेंड्स बनाओ जिससे की आप अपने आप को खुश रख पाओ|
12) अपनी दिनचर्या को सही रखो:
- मन उदास हो तो अपने दिनचर्या में योगा, मैडिटेशन और एक्सरसाइज को शामिल करो, healthy खाना खाओ, अच्छी नींद लो, ज्यादा से ज्यादा समय अच्छे लोगों के साथ रहो और नेगेटिव लोगों से या जिन लोगों से आप को परेशानी होती है उनसे दूर रहो| आप मानो या मानो पर ये सभी चीज़ें हमारी मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) के लिए बहुत ही ज़रूरी है मतलब अगर हम अपनी दिनचर्या को सही रखेंगे तो दुख, तनाव या उदासी से खुद को दूर रख पाएंगे|
13) सोशल मीडिया का इस्तेमाल कम करो:
- आजकल सोशल मीडिया दुख और तनाव का कारण बन गया है क्योंकि हर टाइम नोटिफिकेशन्स, दूसरों के फोटोज या वीडियोस देख कर खुद की लाइफ उनसे compare करना, किसने रिप्लाई किया किसने नहीं किया या कौन कितनी देर ऑनलाइन था किसके साथ बात कर रहा था इन सब छोटी छोटी बातों से हम परेशान हो जाते है और ये हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बिलकुल भी सही नहीं है इसलिए सोशल मीडिया और मोबाइल का हो सके उतना कम इस्तेमाल करो और खुद को जरूरी कामों में बिजी रखो|
14) मनोचिकित्सक से मिलो:
- अगर आप कुछ ज्यादा ही उदास हो और बेचैनी महसूस कर रहे हो तो ऐसे में मनोचिकित्सक से मिलकर उनका मार्गदर्शन लेना बहुत ही जरूरी है| कुछ लोग मनोचिकित्सक के पास जाने में झिझकते है उन्हें लगता है की लोग उन्हें पागल वगैरह कहने लगेंगे पर आप को ये बात समझनी ज़रूरी है जैसे हमारा शारीरिक स्वास्थ्य ठीक ना हो तो हमे डॉक्टर के पास जाना पड़ता है वैसे ही अगर हमारा मानसिक स्वास्थ्य ठीक न हो तो ज़रुरत पडने पर हमें मनोचिकित्सक के पास जाना ही पड़ेगा और इसमें कोई भी गलत बात नहीं है|
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sir e read kar mana thoda halka huaa thanks
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